आप सभी सुप्रीम कोर्ट के आने वाले न्याय निर्णय के बारे में चिंतित होंगे। 29 .1 .18 को सुनवाई संभावित है।उम्मीद ही नहीं, पूर्ण विश्वास भी है कि हम लोग निश्चित रुप से अपनी

बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ  से जुड़े सभी संघर्षशील साथी ।।                              सुबह का नमस्कार-              ज्वलंत सवाल जो मुझे उद्वेलित कर रहा है।                             आप सभी सुप्रीम कोर्ट के आने वाले न्याय निर्णय के बारे में चिंतित होंगे। 29 .1 .18 को सुनवाई संभावित है।उम्मीद ही नहीं, पूर्ण विश्वास भी है कि हम लोग निश्चित रुप से अपनी एकता के बल पर जीत सुनिश्चित करेंगे। वैसे भी हमारे अध्यक्ष एवं महासचिव लगातार पटना एवं दिल्ली की दूरी को पाट चुके हैं। बड़े वकीलों को रखने का सवाल हो या सूक्ष्म न्यायिक बिंदुओं के पर्यवेक्षण का प्रश्न हो या अनछुए बिंदुओं को रखने का प्रश्न हो उसमें हमारे द्वय लगे हुए हैं । आप उन पर विश्वास बनाएं रखें यही संगठन का मूलमंत्र भी है। आज हमें सबसे अधिक जरूरत जिस बात की है वह है आपसी एकता ।उस एकता पर प्रश्नचिन्ह लगाता Gaya का शिक्षा संवाद कार्यक्रम ।।                          कल मैंने सोशल मीडिया पर बड़े-बड़े होर्डिंग के माध्यम से एक कार्यक्रम की तस्वीर देखी जिसमें अधिकांश सदस्य बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के इतर संगठन न्याय मोर्चा के माध्यमिक उच्च माध्यमिक सदस्यगण थे। यहां तक तो सब ठीक है सम्मेलन या संवाद कायम रखना जरूरी भी है लेकिन तीन माननीय जिसमें दो माननीय विधान पार्षद सदस्य  को विगत कई वर्षों से हम अपने मार्गदर्शक मंडल के सदस्य मानते रहे हैं ।उनका सम्मेलन में शामिल होना मुझे मर्माहत कर गया। यह मर्माहत यह कचोट बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के सिपाही की हैसियत से मेरे अंदर उठ रही है। जिस समय हमें सर्वाधिक एकता की जरूरत है उस समय एकता में विघ्न डालने वाले तत्व अलग सम्मेलन करके क्या संदेश देना चाहते हैं ?    आप अगर जोर नहीं सकते तो कम से कम तोड़ने का प्रयास तो नहीं  ही कीजिए ।           राजनीति करनी चाहिए लेकिन हर जगह राजनीति होने लगे तो मन का विश्वास डगमगाने लगता है।                                         मेरा तीनों माननीय विधान पार्षद से व्यक्तिगत लगाव है तीनों  की सोच समान कार्य समान वेतन के लिए सकारात्मक है। एक माननीय की राजनीतिक मजबूरी सम्मेलन में शिरकत करने की हो सकती थी लेकिन दो माननीय का शिरकत करना हमारे संगठन के लिए आत्म अवलोकन का समय है। मैं सभी संघनिष्ठ भाइयों से निवेदन करूंगा कि आप मेरे इस विचार को किसी भी प्रकार के राजनीतिक चश्मे से नहीं देखें। अभी हमें ऐसा महसूस हो रहा है कि हमें न्यायिक लड़ाई के साथ-साथ आगे चलकर सड़क से सदन की लड़ाई भी लड़नी होगी जिसमें इन सभी माननीयों की भूमिका बढ़ जायेगी।                              आप सभी संघनिष्ठ सिपाहियों के समक्ष आत्मचिंतन के लिए यह प्रश्न छोड़ रहा हूं.....            आपका ही,                         विनय मोहन                      संयुक्त सचिव                         सह प्रभारी दरभंगा प्रमंडल    बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ
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