उपेन्द्र रॉय शिक्षक सहयोग समिती सिमरी बख्तियारपुर ,जिला सहरसा,की ओर से अध्यक्ष राजीव सिंह का अपने सभी शिक्षक भाइयो और बहनों को सादर प्रणाम🙏
मित्रो,जैसा कि आप सभी को बिदित है कि सुप्रीम कोर्ट में दिनांक 22,01,2018 को सुनबाई की तिथि मुकर्रर की गई है,हो सकता है यह सुनबाई आगे भी दो तीन तिथियो तक चले। यह माननीय न्यायाधीशों पर निर्भर करता है।
मित्रो ,कई अटॉर्नी जनरल आपको फेसबुक और व्हाट्सएप पर आजकल आपको तरह तरह का कानूनी जानकारी प्रदान करते हुये निशुल्क मिलेंगे।हम सबो को ऐसे जनरल से बचकर रहना है।
हमलोग जानते ही है कि,निम हकीम खतरे जान। किसी भी तरह के अफवाहों पर ध्यान नही देना है,क्योकि जिनकी दुकान बंद हो चुकी है या सीजन में कमाई नही हो रही है तो ऐसे लोग तरह तरह की अफवाह फैलाते है,उनके पास कोई आधार नही होता अपनी बातों के समर्थन में,इसे थेथरोलॉजी के द्वारा सही करने का प्रयास करते है।
कुछ लोगो को आदरणीय उपेन्द्र रॉय और उनकी टीम से जलन हो रही है,कोई ब्यक्ति अपना कर्म करता है,शोहरत प्रदान करना ऊपर वाले के हाथ मे होता है,ऐसे ब्यक्ति से हमारी अपील है,किसी भी तरह की कलुषित या छुद्र भावना को अपने मन मे नही लाएं और उनके हाथ को आप जिस स्तर से मदद कर सकते है जरूर करें।
मित्रो,
यह सरकार कोर्ट की ही भाषा समझती है,बिगत 10 वर्षो से कई मुद्दों पर मेमोरंडम देते देते थक गए आज तक पेमेंट तक अपडेट नही कर सकी सरकार,इस सरकार की धारणा ही शिक्षा और शिक्षकों खासकर नियोजितो के प्रति कलुषित है।इसका ताजा उदाहरण आप BRP बहाली का नियमावली देख सकते है। यह हमेशा नियोजितो को नीचा दिखाने का प्रयास करती है,यह अलग बात है कि इसे हमेशा मुँह की खानी पड़ती है।
मित्रो, रामायण की यह पंक्ति,
तीन दिवस तक पण्य मांगते रघुपति सिंधु किनारे बैठे पढ़ते रहे छंद अनुनय के प्यारे प्यारे उत्तर में जब एक नाद भी उठा नही सागर से,उठी अधीर धधक पोरूस की आग राम के सर से।
सिंधु धर देह त्राही त्राही ,करता आ गिरा शरण मे,चरण पूज दासता ग्रहण की,बंधा मूढ़ बंधन में। सच पूछो,तो शर में ही बसती है दीप्ति विनय की,संधि वचन से पूज्य उसी का जिसमे शक्ति बिजय की।
मित्रो,हमलोगों की लड़ाई को अबतक जिनकी टीम ने बिजय दिलाई ,उनके नेतृत्व पर भरोसा करना होगा,उनकी टीम को आर्थिक सहयोग करना होगा,क्योकि ये अंतिम लड़ाई है,ओर महंगी भी, हम सबो को संघ संघटन से ऊपर उठकर सोचना होगा।कतिपय संघो की क्या भूमिका है यह किसी से छिपी नही है।
आज भी हमारे झेत्र में शिक्षकों के द्वारा मौषम खुलने के बाद सहयोग राशी देने हेतु बुलाया जा रहा है।कई स्कूलों के प्रधानाध्यापक,प्रधान शिक्षक के पास राशी जमा है,परंतु मौषम की विपरीतता के कारण हमलोगों की टीम नही जा पा रही है,जबकि सहयोग देने वाले हमारे शिक्षक बिभिन्न संघो से जुड़े है,और विगत 6 माह से उन्हें पेमेंट भी नही मिला है।
हमलोगों के बड़े भाई सम्मानीय परवेज आलम उर्दू मध्य विद्यालय सीटनाबाद ने पांच हजार एक कि राशी सहयोग दिया,और मित्रो इतना ही नही उन्होंने उस CRC की कमान खुद लेकर सभी शिक्षको को सहयोग देने हेतु प्रेरित किया,की यह आपकी अंतिम लड़ाई है आप मजबूती से लड़े कतई नही चुकें।
आप लोग जिस दिन कहेंगे उस दिन हम अपने एक माह की सैलरी 59 हजार 600 रु आपलोगो को देगे। इसी तरह दूसरे बड़े भाई आदरणीय अवधेश बाबू है,उनका भी यही उदगार है।आपलोग मौषम साफ होने के बाद आये हर कीमत पर सहयोग मिलेगा।
ऐसे ब्यक्ति के लिये हमलोगों के पास कोई शब्द नही है🙏👏👏👏👏👏👏👏👏👏
एक हमारे नियोजित बंधु है जो,किन्तु परंतु में उलझे है।
मित्रो हमने पूर्ब में भी लिखा था आज पुनः दोहराता हु।
आठ गज अंगुल अस्ठ प्रधान
एते पे सुल्तान है,मत चूको चौहान।
मित्रो समय इंतजार नही करता,आइये इस बंधुआ मजदूरी प्रथा को खत्म करने में अपना योगदान देकर, इस दास प्रथा को खत्म करें।
हमारे जो साथी निर्पेझ है,उदासीन है,उनसे मै सिर्फ यही कहूंगा।
समर शेष है,नही पाप का भागी केवल व्ह्यघ ।
जो तठस्थ है,समय लिखेगा उनका भी अपराध।
अपने टीम के सभी झुझारू साथियो का तहेदिल से धन्यवाद।
आपका धीरेन्द्र कुमार झा CRCC
👏👏👏👏👏
🙏🙏🙏🙏🙏
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मित्रो,जैसा कि आप सभी को बिदित है कि सुप्रीम कोर्ट में दिनांक 22,01,2018 को सुनबाई की तिथि मुकर्रर की गई है,हो सकता है यह सुनबाई आगे भी दो तीन तिथियो तक चले। यह माननीय न्यायाधीशों पर निर्भर करता है।
मित्रो ,कई अटॉर्नी जनरल आपको फेसबुक और व्हाट्सएप पर आजकल आपको तरह तरह का कानूनी जानकारी प्रदान करते हुये निशुल्क मिलेंगे।हम सबो को ऐसे जनरल से बचकर रहना है।
हमलोग जानते ही है कि,निम हकीम खतरे जान। किसी भी तरह के अफवाहों पर ध्यान नही देना है,क्योकि जिनकी दुकान बंद हो चुकी है या सीजन में कमाई नही हो रही है तो ऐसे लोग तरह तरह की अफवाह फैलाते है,उनके पास कोई आधार नही होता अपनी बातों के समर्थन में,इसे थेथरोलॉजी के द्वारा सही करने का प्रयास करते है।
कुछ लोगो को आदरणीय उपेन्द्र रॉय और उनकी टीम से जलन हो रही है,कोई ब्यक्ति अपना कर्म करता है,शोहरत प्रदान करना ऊपर वाले के हाथ मे होता है,ऐसे ब्यक्ति से हमारी अपील है,किसी भी तरह की कलुषित या छुद्र भावना को अपने मन मे नही लाएं और उनके हाथ को आप जिस स्तर से मदद कर सकते है जरूर करें।
मित्रो,
यह सरकार कोर्ट की ही भाषा समझती है,बिगत 10 वर्षो से कई मुद्दों पर मेमोरंडम देते देते थक गए आज तक पेमेंट तक अपडेट नही कर सकी सरकार,इस सरकार की धारणा ही शिक्षा और शिक्षकों खासकर नियोजितो के प्रति कलुषित है।इसका ताजा उदाहरण आप BRP बहाली का नियमावली देख सकते है। यह हमेशा नियोजितो को नीचा दिखाने का प्रयास करती है,यह अलग बात है कि इसे हमेशा मुँह की खानी पड़ती है।
मित्रो, रामायण की यह पंक्ति,
तीन दिवस तक पण्य मांगते रघुपति सिंधु किनारे बैठे पढ़ते रहे छंद अनुनय के प्यारे प्यारे उत्तर में जब एक नाद भी उठा नही सागर से,उठी अधीर धधक पोरूस की आग राम के सर से।
सिंधु धर देह त्राही त्राही ,करता आ गिरा शरण मे,चरण पूज दासता ग्रहण की,बंधा मूढ़ बंधन में। सच पूछो,तो शर में ही बसती है दीप्ति विनय की,संधि वचन से पूज्य उसी का जिसमे शक्ति बिजय की।
मित्रो,हमलोगों की लड़ाई को अबतक जिनकी टीम ने बिजय दिलाई ,उनके नेतृत्व पर भरोसा करना होगा,उनकी टीम को आर्थिक सहयोग करना होगा,क्योकि ये अंतिम लड़ाई है,ओर महंगी भी, हम सबो को संघ संघटन से ऊपर उठकर सोचना होगा।कतिपय संघो की क्या भूमिका है यह किसी से छिपी नही है।
आज भी हमारे झेत्र में शिक्षकों के द्वारा मौषम खुलने के बाद सहयोग राशी देने हेतु बुलाया जा रहा है।कई स्कूलों के प्रधानाध्यापक,प्रधान शिक्षक के पास राशी जमा है,परंतु मौषम की विपरीतता के कारण हमलोगों की टीम नही जा पा रही है,जबकि सहयोग देने वाले हमारे शिक्षक बिभिन्न संघो से जुड़े है,और विगत 6 माह से उन्हें पेमेंट भी नही मिला है।
हमलोगों के बड़े भाई सम्मानीय परवेज आलम उर्दू मध्य विद्यालय सीटनाबाद ने पांच हजार एक कि राशी सहयोग दिया,और मित्रो इतना ही नही उन्होंने उस CRC की कमान खुद लेकर सभी शिक्षको को सहयोग देने हेतु प्रेरित किया,की यह आपकी अंतिम लड़ाई है आप मजबूती से लड़े कतई नही चुकें।
आप लोग जिस दिन कहेंगे उस दिन हम अपने एक माह की सैलरी 59 हजार 600 रु आपलोगो को देगे। इसी तरह दूसरे बड़े भाई आदरणीय अवधेश बाबू है,उनका भी यही उदगार है।आपलोग मौषम साफ होने के बाद आये हर कीमत पर सहयोग मिलेगा।
ऐसे ब्यक्ति के लिये हमलोगों के पास कोई शब्द नही है🙏👏👏👏👏👏👏👏👏👏
एक हमारे नियोजित बंधु है जो,किन्तु परंतु में उलझे है।
मित्रो हमने पूर्ब में भी लिखा था आज पुनः दोहराता हु।
आठ गज अंगुल अस्ठ प्रधान
एते पे सुल्तान है,मत चूको चौहान।
मित्रो समय इंतजार नही करता,आइये इस बंधुआ मजदूरी प्रथा को खत्म करने में अपना योगदान देकर, इस दास प्रथा को खत्म करें।
हमारे जो साथी निर्पेझ है,उदासीन है,उनसे मै सिर्फ यही कहूंगा।
समर शेष है,नही पाप का भागी केवल व्ह्यघ ।
जो तठस्थ है,समय लिखेगा उनका भी अपराध।
अपने टीम के सभी झुझारू साथियो का तहेदिल से धन्यवाद।
आपका धीरेन्द्र कुमार झा CRCC
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